वित्त आयोग के कार्य क्या हैं? राजकोषीय संघवाद में इसकी उभरती भूमिका का परीक्षण करें

What are the functions of Finance Commission? Examine its emerging role in Fiscal Rederalism

वित्त आयोग के कार्य - 

वित्त आयोग राष्ट्रपति को निम्नलिखित सिफ़ारिशें करता है -

  • केंद्र और राज्यों के बीच साझा किए जाने वाले करों की शुद्ध आय का वितरण और राज्यों के बीच आवंटन।
  • राज्यो को सहायता अनुदान से जुड़े सिद्धांत (भारत की संचित निधि से)
  • राष्ट्रपति द्वारा संदर्भित कोई अन्य मामला।
  • वित्त आयोग द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर पंचायत और नगर पालिका के संसाधनों के पूरक के लिए राज्य की समेकित निधि को बढ़ाने के लिए आवश्यक उपाय।
  • आयोग राष्ट्रपति को एक रिपोर्ट सौंपता है। वित्त आयोग द्वारा की गई सिफारिशें सलाहकारी होती हैं और इसलिए सरकार पर बाध्यकारी नहीं होती हैं।
वित्त आयोग निम्नलिखित कार्य करके भारत में राजकोषीय संघवाद को बनाए रखने में मदद करता है :

  • करों की शुद्ध आय का संघ और राज्यों के बीच वितरण (ऊर्ध्वाधर वितरण )
  • क्षैतिज वितरण: राज्यों के बीच संसाधनों का आवश्यकता अनुसार बँटवारा 
  • विशिष्ट राज्यों या क्षेत्रों को अतिरिक्त स्थानान्तरण (सहायता अनुदान) जो असमानताओं को दूर करता है।
  • केंद्र एवम् राज्यो के बीच संतुलित वितरण के माध्यम से सहयोग एवम् समन्वय को प्रोत्साहन 
  • वित्त आयोग का अस्तित्व एवम् कार्यप्रणाली संवैधानिक ढाँचे में वर्णित है जो इसकी स्वतंत्रता एवम् निष्पक्षता को सुनिश्चित करता है।
  • हर पाँच साल में इसका गठन होने से राजकोषीय प्रावधानों की आवधिक समीक्षा सुनिश्चित हो पाती है 
  • यह केंद्र एवम् राज्यो के बीच राजकोषीय विवादों के समाधान में भी योगदान करता है।

उपरोक्त बिंदुओं से स्पष्ट है की राजकोषीय संघवाद को बढ़ाने में वित्त आयोग एक महत्वपूर्ण संस्थान के रूप में कार्यरत है।


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