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30 नवम्बर 2024 को मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित मंत्रिमण्डल की बैठक में प्रदेश के औद्योगिक और आर्थिक विकास को गति देने के लिए 9 नई नीतियों के अनुमोदन किया गया।राजस्थान एम सैंड नीति 2024 उन्हीं में से एक है।
राज्य सरकार का लक्ष्य - प्रदेश में एम-सेण्ड इकाइयों की स्थापना और बजरी के सस्ते विकल्प के रुप में एम-सेण्ड के उपयोग को बढ़ावा देना।
इस नीति में निम्नलिखित लाभ दिए जाएँगे -
1. एम-सेण्ड इकाई की स्थापना के लिए 3 साल के अनुभव, 3 करोड़ रुपए की नेटवर्थ व 3 करोड़ रुपए के टर्नओवर की बाध्यता समाप्त की गई है।
2. ओवरबर्डन पर देय रॉयल्टी को कम कर आधा किया गया है, वहीं नीलामी के समय एम-सेण्ड यूनिट के लिए दो प्लाट रखने के स्थान पर 5 प्लाट आरक्षित कर आवंटित किया जाएगा।
3. इसी तरह से कीननेस मनी को भी दो लाख से कम कर एक लाख किया गया है।
4. ओवरबर्डन पर देय डीएमएफटी की राशि में छूट, सरकारी और सरकार से वित्त पोषित निर्माण कार्यों में बजरी की मांग की आपूर्ति में 25 प्रतिशत एम-सेण्ड के उपयोग की अनिवार्यता तय की गई है।
5. एम-सेण्ड को बढ़ावा देने के लिए इन इकाइयों को राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2024 के परिलाभ भी दिए जाएंगे।
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